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जम्मू कश्मीर में सूखते धान के खेत और मुरझाते पौधे फसलें हुई बर्बाद, जल्द सूखा घोषित की संभावना।

श्रीनगर-  कश्मीर घाटी लंबे समय से सूखे की स्थिति से जूझ रही है, जिससे किसान गंभीर संकट में हैं और उन्हें अपनी वार्षिक फसल बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

जल्द हो सकती है सूखे’ की आधिकारिक घोषणा

कश्मीर के कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि अगले सप्ताह तक बारिश नहीं हुई तो ‘कृषि सूखे’ की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

कश्मीर के कृषि निदेशक चौधरी मोहम्मद इकबाल ने फसलों पर चल रहे सूखे के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा, “वर्षा की कमी से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है और यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो विभाग मूल्यांकन मापदंडों के आधार पर ‘कृषि सूखा’ घोषित करने के लिए मजबूर हो सकता है।”

इकबाल ने कहा कि विभाग सभी मापदंडों पर बारीकी से नजर रख रहा है और यदि अगले सप्ताह तक बारिश नहीं हुई तो कृषि क्षेत्र में सूखा घोषित किया जा सकता है।

लम्बे समय से जारी सूखे की स्थिति ने किसानों और अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ा दी है, तथा क्षेत्र में फसल की वृद्धि और समग्र उत्पादकता पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ रही है।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आई एंड एफ सी) विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शुष्क मौसम के कारण झेलम नदी का जलस्तर कम हो गया है और इससे करीब 10 प्रतिशत सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि झेलम नदी की कुल जल क्षमता सामान्य स्तर की तुलना में 30 प्रतिशत कम हो गई है।

कृषि निदेशक ने पहले कहा था कि हालांकि जमीन में कुछ नमी है, लेकिन आगामी सप्ताह में बारिश न होने से धान और सब्जी दोनों फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) में कृषि संकाय की मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. रेहाना ने कहा कि लंबे समय तक सूखे की वजह से पौधों पर दबाव बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “लंबे समय तक सूखे की वजह से धान की फसल की टहनियाँ जल रही हैं और सब्ज़ियों के पौधों की पत्तियाँ सूख रही हैं।” उन्होंने कहा कि 1 किलो चावल पैदा करने के लिए 3,000 से 5,000 लीटर पानी की ज़रूरत होती है।

किसानों का कहना है कि वर्षा की कमी और औसत से ज़्यादा तापमान ने फसल की वृद्धि और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जो क्षेत्र की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर ख़तरा है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में किसान अपने सूखते धान के खेत और मुरझाते पौधे दिखाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

कश्मीर में मौसम विभाग ने 01 से 05 अगस्त तक कश्मीर संभाग के कई स्थानों और जम्मू संभाग के अधिकांश क्षेत्रों में रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ आमतौर पर बादल छाए रहने का अनुमान लगाया है।

चूंकि लंबे समय से शुष्क मौसम की स्थिति उनकी आजीविका और घाटी में समग्र कृषि अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई है, इसलिए किसान उत्सुकता से गर्म और शुष्क मौसम से राहत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 

Sharik Malik

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